6/11/09

प्रभाकरण को मारने से पहले यातानाएं दी गई थीं?

कोलंबो ।। क्या लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण को मारने से पहले काफी यातनाएं दी गई थीं?
अब ऐसी बातें अब कही जा रही है श्रीलंका के एक संगठन युनिवर्सिटी टीचर्स फॉर ह्यूमन राइट्स (यूटीएचआर)ने उच्चपदस्थ सैन्य सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि प्रभाकरण को 'तमिल सरकार के एक राजनेता और एक जनरल' की मौजूदगी में यातनाएं दी गई थीं। इसके मुताबिक यातनाएं संभवतः आर्मी के 53 डिवीजन मुख्यालय में दी गई थी। यूटीएचआर के मुताबिक,'कई सैन्य सूत्रों ने बताया है कि प्रभाकरण के 12 साल के बेटे बालचंद्रन को उसकी आंखों के सामने मारा गया।' गौरतलब है कि प्रभाकरण की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इसे लेकर विवाद पहले दिन से शुरू हो गया। कुछ लोगों का कहना है कि वह श्रीलंका सेना के साथ गोलीबारी में मारा गया, तो कुछ अन्य का कहना है कि वह सेना को मरा हुआ ही मिला। इन्हें भी पढ़ें श्रीलंका को वर्ल्ड कप से हटाओः तमिल प्रदर्शनकारी श्रीलंका का प्रस्ताव तमिल विरोधी : करुणानिधि अपनी लाश का विडियो देखकर हंस पड़ा प्रभाकरण? प्रभाकरण को बचाने में लगा था ब्रिटेन? लिट्टे ने माना प्रभाकरण जीवित नहीं और स्टोरीज़ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें उसने साइनाइड की गोली खाकर आत्महत्या कर ली। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि प्रभाकरण आज भी जिंदा है, जो मरा वह उसका हमशक्ल था। मगर, उसके अब भी जीवित रहने के दावे को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। अब यूटीएचआर के इस दावे ने प्रभाकरण की मौत के विवाद को नया मोड़ दे दिया है। कहा जा रहा है कि प्रभाकरण ने आखिरी पलों में भारत या मलयेशिया भागने की दो कोशिश की थी। लेकिन, कामयाब नहीं हो सका क्योंकि श्रीलंका की नौसेना ने पूरे इलाके को अच्छी तरह से घेर रखा था।

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