6/1/09

ऑस्ट्रेलिया पुलिस प्रमुख ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा का आश्वासन

मेलबर्न।। ऑस्ट्रेलिया के पुलिस प्रमुख ने देश में हाल में हुए नस्ली हमलों के संदर्भ में भारतीय छात्रों
की सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया, लेकिन साथ ही प्रदर्शनकारी छात्रों पर किए गए बल प्रयोग को उचित भी ठहराया। पुलिस मुख्य आयुक्त साइमन ओवरलैंड ने कहा कि भारतीय स्टूडंट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कड़ी मेहनत कर रही है और पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आने के इच्छुक छात्रों से सुरक्षा संबंधी विचार-विमर्श करने के लिए एक प्रतिनिधि भारत भेजा जा रहा है। साइमन ने कहा, 'हमने कई लोगों को हिरासत में लिया है और हम इस दिशा में कठोर श्रम करते रहेंगे। हम जानते हैं कि हमें सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की जरूरत है। इसके लिए हम लगातार काम करते रहेंगे और इस सप्ताह प्रदर्शनकारियों के एक समूह से मुलाकात करके हमें खुशी हुई है।' इसके साथ ही उन प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग को साइमन ने जायज ठहराया, जिन्होंने मेलबर्न की एक व्यस्त सड़क से सोमवार सुबह तक हटने से इनकार कर दिया था। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग को हर तरह से उचित बताने वाले पुलिस प्रमुख साइमन ने प्रदर्शनकारियों से कहा, 'नस्लवाद सही नहीं है। मैं यहां इसलिए आया हूं ताकि मैं आपकी समस्याओं को समझ सकूं। आपने अपनी बात रखी, इस मामले पर हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। लेकिन, अब मैं आपसे घर जाने के लिए कहता हूं।' साइमन ने कहा स्टूडंट्स को वापस जाने का अवसर दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो कुछ बल प्रयोग किया गया। पुलिस ने लगभग 18 युवकों को रैली के दौरान कथित रूप से भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया है, वहीं प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें धरने से हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। साइमन ने कहा कि पूरे आयोजन को उन्होंने ऑपरेशन सेंटर से देखा और वह मानते हैं कि जो बल प्रयोग उन्होंने देखा, वह उचित था। बहरहाल छात्रों ने स्थानीय समयानुसार सुबह 5.15 बजे प्रदर्शन वापस ले लिया। साइमन ने कहा कि छात्र अपनी बात पहले ही रख चुके थे और उनसे वापस जाने के लिए कहा गया। यातायात के जाम को खत्म करना जरूरी था। भारतीयों पर हाल में हुए हमलों के बारे में साइमन ने कहा कि कुछ हमले नस्लवाद से प्रेरित थे, जबकि अन्य हमले अवसरवादी थे। उन्होंने कहा, चाहे जो भी रहा हो यह सही नहीं है। हिंसा सही नहीं है, लूटपाट सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है। इस बीच ऑफ इंडियन स्टूडंट्स इन ऑस्ट्रेलिया, 'फेसा' ने एक बयान में कहा है कि रैली का मकसद विक्टोरिया में बढ़ते अपराधों के प्रति जागरूकता पैदा करना और नस्लीय सौहार्द एवं शांति को बढ़ावा देना है। विदेश मामलों और व्यापार विभाग के मुताबिक शिक्षा संबंधी मकसद से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने वालों में भारत का बेहद अहम योगदान है और वर्ष 2007-08 के आंकड़ों के मुताबिक इससे दो अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ हुआ।

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